हमीरपुर
हमीरपुर जिला के टौणी देवी विकासखंड के तहत राजकीय प्राथमिक पाठशाला बारी में जब अशोक कुमार शर्मा ने मुख्य शिक्षक के रूप में ज्वाइन किया तो केवल तीन छात्र स्कूल में थे। आसपास दो निजी स्कूल चल रहे थे। सरकारी स्कूल बंद होने के कगार पर था लेकिन अशोक कुमार ने सरकारी स्कूल में शिक्षा की लौ को जलाए रखने के लिए प्रण ले लिया। उन्होंने अपनी आधी से भी ज्यादा सैलरी स्कूल में लगा दी । आज स्कूल में 18 विद्यार्थी हैं और सभी प्रवासी गरीब परिवारों से है।
अशोक कुमार 31 दिसंबर 2024 को रिटायर हो रहे हैं लेकिन स्कूल के प्रति उनके त्याग को स्थानीय लोग लंबे समय तक याद रखेंगे। स्कूली बच्चों को बढ़िया कॉपियां, बैग , वर्दियां, कोटि, स्वेटर, अशोक शर्मा अपनी तनख्वाह से प्रदान करते हैं। स्कूल में अध्यापकों की कमी थी तो शिक्षा विभाग से मंजूरी ले दो अध्यापक अशोक कुमार ने स्कूली बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए रखे। उनका मानदेय भी अशोक शर्मा ही देते रहे।
तीन साल से अशोक कुमार ने स्कूल को अन्य स्कूल में मर्ज होने से बचाया हुआ है। अब रिटायरमेंट के बाद स्कूल और बच्चों का भविष्य क्या होगा , इसकी भी चिंता उन्हें सता रही है।
अशोक कुमार ने बताया कि सरकारी स्कूलों में गरीब परिवारों से बच्चे पढ़ते हैं। मां बाप दिहाड़ी मजदूरी करते हैं और वह एक एक पैसे की कदर करते है। ऐसी स्थिति में उन्होंने प्रण लिया कि वह राजकीय प्राथमिक विद्यालय बारी को मर्ज नहीं होने देंगे और तय छात्र संख्या को बनाए रखेंगे। मिड डे मील में भी बच्चों को बढ़िया पौष्टिक आहार देने में कमी नहीं रखी गई। वह बेशक 31 दिसंबर को रिटायर हो जायेंगे लेकिन स्कूल और बच्चों के भविष्य के लिए हमेशा तत्पर रहेंगे। आज सरकारी स्कूलों को अशोक कुमार जैसे अध्यापकों की निहायत जरूरत हो जो विद्या के मंदिर में सच में शिक्षा की लौ जलाने में कभी पीछे न हटें।